उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने कोविद-19 में "बाल श्रमिक विद्या योजन" की शुरुआत की -
12 जून 2020 को उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक स्कीम लांच की थी. जिसका नाम बल श्रमिक विद्या योजना हैं । इस योजना का मुख्य उदेश्य यह है ,जो बच्चे बाल श्रम में लगे है ,उन्हें पढ़ाई की और आकर्षित करना है।
यह योजना 12 जून को इसलिए लांच की गई ,क्योकि उस दिन "अंतराष्टीय बाल श्रम निषेध दिवस" मनाया जाता है ,ये सन 2002 से बनाया जा रहा है। इसे अंतराष्टीय श्रमिक सगठन मनाता है।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार , इस योजना के तहत लोगो वित्तीय सहायता देगी। बच्चे यदि पड़ना चाहते है,काम छोड़ कर, तो उन्हें वित्तीय सहायता दी जायगी। जो बच्चे अभी बाल श्रम में लगे हुवे है. उन्हें 1000 रुपये महीने का दिया जायेगा पढ़ाई के लिए लड़को को और लड़कियों को 1200 रुपये दिए जायेगे प्रति माह ,लड़कियों को इसलिए ज्यादा पैसे दिए जा रहे है. क्योकि लड़कियों लाना ज्यादा मुश्किल है स्कूल , बजाय लड़को के। यदि वे लड़के और लड़किया शरम छोड़ कर स्कूल आते है, तो उन्हें ये वित्तीय सहायता दी जाएगी।
भारत में बहुत सी योजनाएँ लागू की गई है, बाल श्रम को कम करने के लिए, परन्तु अंत में वही योजना सफल होती है. जिसमे बच्चों को या उनेक परिवार वालों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है।
इस योजना का लाभ अभी पहले स्तर में 2000 बच्चों को ही मिलेगा इन 2000 बच्चों को उत्तर प्रदेश के 57 जिलों से नियुक किये जाएंगे,57 जिले वो होंगे जहाँ बल श्रम सबसे ज्यादा है. 2011 के डाटा के अनुसार। साथ ही इस योजना के साथ-साथ अन्य योजनाओ से भी लाभ मिलेगा, इस प्रभाव अन्य योजनाओ पर नहीं होगा।
इस योजना लाभ मुख्य रूप से उन बच्चो को दिया जायेगे जिनके माता-पिता बीमार है, या किसी ऐसे रोग से ग्रसित है जो अशाधीय हो या जो ठीक न हो सके।
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