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लोनार झील के पानी का रंग बदलकर गुलाबी हुआ

लोनार झील के पानी का रंग बदलकर गुलाबी हुआ -

  • लोनार झील जो स्थित है, महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में 1.2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।  इस झील का पानी गुलाबी रंग में बदल गया है। लोनार झील के बारे में कहा जाता है, की आज से 50 हजार साल पहले यहाँ  पर एक एस्ट्रोइड काफी तेज स्पीड से गिरा था, जिसने इस क्षेत्र को इम्पेक्ट किया । जिसकी वजह से यहा पर एक गोलाकार होल हो गया और में बाद में इसमें बारिश की वजह से पानी भर गया ,जिसे हम आज लोनार झील के नाम से जानते है। 
Maharashtra's Lonar lake colour changes to pink; experts, locals ...

इस झील का पानी बहुत खारा है,साथ में इसका पानी एल्कलाइन ( छारीय ) भी है। एल्कलाइन ( छारीय )  इसलिए है ,क्योकि इस पानी का PH 10.5 है। 
इस झील के बारे में हमारे  पुराणों में लिखा गया है,जैसे की स्कन्द पुराण और  पद्मा पुराण में भी इस झील के बारे में कहा गया है,1600 CE में लिखी आईने-ई -अखबारी में भी इस झील के बारे में लिखा गया है। आधुनिक युग की बात करे तो 1823 में ब्रिटिश ऑफिसर जे.ई.एलेग्जेंडर वो यहाँ पर आये थे और पहले  यूरोपियन बन गए ,इस लोनार झील पर विजिट करने वाले। 
इस क्षेत्र के चारो और जगल है,उसमे बहुत से प्रकार के जानवर और पंछी भी आपको यहाँ पर दिखने को मिलेंगे ,जिसकी वजह से आपको यहाँ पर जैव विविधता बहुत दिखेगी । 
Lonar Crater Lake | District Buldhana, Government of Maharashtra ...
लोनार झील को 1979 में भारत ने GEO-HERITAGE-SITE का दर्जा दिया था। 20 नवंबर 2015 को भारत सरकार ने ,जो लोनार झील के आस-पास वाइल्डलाइफ है , इसे वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी का दर्जा भी दिया था। लगभग 3.83 Sq .km क्षेत्र को वाइल्डलाइफ घोषित किया गया। साधारणतः इस झील का पानी हरे रंग का रहता है।हरे रंग के रहने का कारण  साधारणतया फंगी के कारण  इसका पानी हरे रंग का होता है। 
Overviews of Lonar Crater and Lonar Lake. (A) Lonar Crater shown ...
विशेषज्ञो का मनना है, की ऐसा पहली बार नहीं हुआ है ,की इसका रंग गुलाबी हुआ हो इसे पहले भी इसका रंग गुलाबी हुआ है. पर पहले के मुताबिक इस बार इसका  रंग ज्यादा डार्क गुलाबी है. जिसके कारण लोगो में ज्यादा उत्साह हो रहा है इसे देखने का।  
इसके ज्यादा गुलाबी रंग के होने का पता विशेषज्ञो द्वारा लगाया जा रहा है. पर ज्यादातर विशेषज्ञो द्वारा यह माना जा रहा है ,की इस झील के पानी में खारापन और शैवाल होने से और जिसके चलते गर्मिर्यो में पानी का स्तर काफी निचे चले जाने से,जिसके कारण पानी का स्तर काम  होने से खारापन बढ़ जाता है। इस खारे पानी में जो शैवाल है, और वातावण की वजह से इसका व्यवहार बदल  जाता है। इसकी वजह से यह माना जा रहा है की ,शैवाल की वजह से इसका रंग गुलाबी हुआ है। 
परन्तु यहाँ पर जो स्टेट फारेस्ट डिपार्टमेंट को कन्फर्म चिहिए की ये शैवाल कारण हुआ है या नहीं इसके लिए इस पानी का सैंपल महाराष्ट्र फारेस्ट डिपार्मेंट ने नेशनल एनवीरोमेन्टल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (NEERI) नागपुर को भेज दिया है। 
जबकि कुछ लोगो कायह  मानना है, की lockdown की वजह से कुछ यहाँ पर ह्यूमन के द्वारा कोई एक्टिविटी न होने कारण भी झील का रंग बदलने में कोई रोल रहा होगा। 






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