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Showing posts from June, 2020

आत्म निर्भर भारत योजना

मिजोरम राज्य सरकार ने आत्म निर्भर भारत योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों को 10 kg चावल देने की योजना शुरू की है। 

CORONA की दवा FABIFLU (FAVIPIRAVIR)

CORONA की दवा   FABIFLU (FAVIPIRAVIR) भारत में जानिए - ग्लेनमार्क नाम की एक फार्मास्यूटिकल कम्पनी  ने 20 जून को , ये जानकारी दी की वो भारत की पहली फार्मास्यूटिकल कंपनी बन गई है. जिसे रेगुलेटरी अप्रूवल मिल चूका है। फाविपिरावीर  के मनुफेक्चरिंग और मार्केटिंग के लिए।  इस दवाई की कीमत 103 रुपए प्रति टेबलेट तथा पैकेट की कीमत 3500 रुपये जिसमे 34 टेबलेट्स होगी ,और ये हॉस्पिटल और केमिस्ट्स शॉप पर अगले हफ्ते से अवेलेबल हो जाएगी। आपको इसे खुद ही नहीं लेना है, बिना डॉक्टर की परमिशन के इसे नहीं लेना है। डॉक्टर भी इसे बिना मरीज की जांच किये नहीं दे सकता है। अगर देता भी तो उसे मरीज से पूछकर और लिखित रूप में लेना होगा की में तुम्हे  फाविपिरावीर दे रहा हु ,आप  इस दवाई के साथ कम्फर्टेबले है , तो ही इसे मरीज को दी जानी चाहिए।  इस दवाई को उन लोगो को भी दी जा सकती है जिन्हे डाईबेटिस और हार्ट की समस्या हो , इससे उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। इसे लेने से। यह दवाई चार से पांच दिन मे अपना असर दिखा देती है, जिन्हे कोविद-19 के सुरुवात लक्छड़ हो उनके लिए ये दवाई असरदार होगी। इसको लेकर सबसे बड़ी स्टडी वो हुई थी जापन

मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा रोजगार देना वाला राज्य उत्तर प्रदेश बना

मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा रोजगार देना वाला राज्य उत्तर प्रदेश बना - मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा रोजगार देना वाला राज्य उत्तर प्रदेश बना है ,उत्तरा प्रदेश राज्य सरकार ने 57000 ग्राम पंचयतो में 57,12,975  श्रमिकों को मनरेगा के द्वारा रोजगार दिया गया है।    

बाल श्रमिक विद्या योजन उत्तर प्रदेश

उत्तर  प्रदेश राज्य सरकार ने  कोविद-19 में  "बाल श्रमिक विद्या योजन" की शुरुआत की - 12 जून 2020 को उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक स्कीम लांच की थी. जिसका नाम बल श्रमिक विद्या योजना हैं । इस योजना का मुख्य उदेश्य यह है ,जो बच्चे बाल श्रम में लगे है ,उन्हें पढ़ाई की और आकर्षित करना है।  यह योजना 12 जून को इसलिए लांच की गई  ,क्योकि उस दिन "अंतराष्टीय बाल श्रम निषेध दिवस" मनाया जाता है ,ये सन 2002 से बनाया जा रहा है। इसे अंतराष्टीय श्रमिक सगठन मनाता है।   उत्तर प्रदेश राज्य सरकार , इस योजना के तहत लोगो वित्तीय सहायता देगी। बच्चे  यदि पड़ना चाहते है,काम छोड़ कर,  तो उन्हें वित्तीय सहायता दी जायगी। जो बच्चे अभी बाल श्रम में लगे हुवे है. उन्हें 1000 रुपये महीने का दिया जायेगा पढ़ाई के लिए लड़को को और लड़कियों को 1200 रुपये दिए जायेगे प्रति माह ,लड़कियों को इसलिए ज्यादा पैसे दिए जा रहे है. क्योकि लड़कियों लाना ज्यादा मुश्किल है स्कूल , बजाय लड़को के। यदि वे लड़के और लड़किया शरम छोड़ कर स्कूल आते है, तो उन्हें ये वित्तीय सहायता दी जाएगी।   भारत में बहुत सी योजनाए

लोनार झील के पानी का रंग बदलकर गुलाबी हुआ

लोनार झील के पानी का रंग बदलकर गुलाबी हुआ - लोनार झील जो स्थित है, महाराष्ट्र के   बुलढाणा  जिले में 1.2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।  इस झील का पानी गुलाबी रंग में बदल गया है। लोनार झील के बारे में कहा जाता है, की आज से 50 हजार साल पहले यहाँ  पर एक एस्ट्रोइड काफी तेज स्पीड से गिरा था, जिसने इस क्षेत्र को इम्पेक्ट किया । जिसकी वजह से यहा पर एक गोलाकार होल हो गया और में बाद में इसमें बारिश की वजह से पानी भर गया ,जिसे हम आज लोनार झील के नाम से जानते है।  इस झील का पानी बहुत खारा है,साथ में इसका पानी एल्कलाइन ( छारीय ) भी है। एल्कलाइन ( छारीय )  इसलिए है ,क्योकि इस पानी का PH 10.5 है।  इस झील के बारे में हमारे  पुराणों में लिखा गया है,जैसे की  स्कन्द पुराण और  पद्मा पुराण में भी इस झील के बारे में कहा गया है,1600 CE में लिखी आईने-ई -अखबारी में भी इस झील के बारे में लिखा गया है। आधुनिक युग की बात करे तो 1823 में ब्रिटिश ऑफिसर जे.ई.एलेग्जेंडर वो यहाँ पर आये थे और पहले  यूरोपियन बन गए ,इस लोनार झील पर विजिट करने वाले।  इस क्षेत्र के चारो और जगल है,उसमे बहुत से प्रकार के जानवर और पंछी

देश का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन

कर्नाटक का हुब्बल्ली रेलवे स्टेशन 1400 मीटर लम्बाई और 10 मीटर चौड़ाई के साथ देश का सबसे बड़ा ( longest railway platform in India) रेलवे बनाने के लिए तैयार हो रहा है | 

भारत की जिलोमोल मैरियट थॉमस बिना हाथो के कार चलाने वाली एशिया की पहली महिला

भारत की जिलोमोल मैरियट थॉमस  बिना हाथो के कार चलाने वाली एशिया की पहली महिला बा नी - जिलोमोल मैरियट थॉमस  इनकी आयु 28 वर्ष की है| ये भारत के केरल से है| वैसे विश्व भर में बहुत सारे लोग बिना हाथो के ड्राइविंग करते है | ये बचपन से ही बिना हाथो के पैदा हुई इनकी इस दुर्लभता का कारण  थैलिडोमाइड सिंड्रोम नाम की बीमारी के कारण हुई ये बचपन से ही अपने पेरो से कार चलना सीख गई थी| पर  इने लाइसेंस एजेंसी द्वारा डाइविंग लाइसेंस नहीं पा रहा था|लाइसेंस एजेंसी द्वारा इनसे कहा गया की कोई और व्यक्ति  है,जो तुम्हारी तरह हो पेरो से ड्राइविंग  करता हो,और उसे लाइसेंस एजेंसी ने लाइसेंस प्रोवाइड कराया हो| तब उन्होंने  एक  पहले व्यक्ति को खोज निकाला जिनके हाथ ना  होते हुए भी उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया था। उनका नाम विक्रम अग्निहोत्री है। फिर भी उने  लाइसेंस नहीं दिया गया|इसके बाद उन्होंने 2018 में हाईकोर्ट के दरवजे खट-खटये, फिर उने  केंद्र सरकार के नोट  पर डाइविंग लाइसेंस जारी किया गया | आप इन फोटो की मदद से देख सकते है,की कोई कैसे अपने पेरो से भी ड्राइविंग कर सकता है|पर ये सम्भव हुआ वो भी एक लड़की

हरून इंडिया आर्ट लिस्ट 2020

हरून इंडिया आर्ट लिस्ट 2020 में अनीश कपूर ने टॉप किया है। 

BEHIND THE MASK नामक पुस्तक मोहम्मद अब्दुल मंनान

हाल ही में COVID-19 पर BEHIND THE MASK  नामक पुस्तक मोहम्मद अब्दुल मंनान ने लिखी है। 

#SAFEHOME अभियान

FIFA(FEDERATION INTERNATIONAL DE FOOTBALL ASSOCIATION) ने WHO WORLD HEALTH ORGANISATION  के साथ मिलकर #SAFEHOME अभियान लांच किया है।